सत्यखबर चंडीगढ़
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने केंद्र सरकार की जीएसटी परिषद की बैठक में एक बार फिर हरियाणा का दृढ़ता से पक्ष रखा और कहा कि कंपन्सेशन फंड में से हरियाणा के हिस्से की बकाया राशि जल्द जारी कर दी जाए। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने जीएसटी परिषद की 42वीं बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भागीदारी की। नई दिल्ली में जीएसटी परिषद की चेयरपर्सन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा परिषद के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी जुड़े हुए थे। इस अवसर पर राज्यों को दिए जाने वाले कंपन्सेशन फंड से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। यह बैठक गत 5 अक्टूबर, 2020 को आयोजित बैठक की निरंतरता में थी। इससे पहले केंद्र द्वारा हरियाणा को गत 5 अक्तूबर 2020 को 761 करोड़ रूपए जारी किए गए थे।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बैठक में चंडीगढ़ से ऑनलाइन हिस्सा लेकर हरियाणा राज्य के दृष्टिकोण से परिषद की चेयरपर्सन को अवगत करवाते हुए कहा कि कम से कम उन राज्यों को तो कंपन्सेशन फंड जारी कर देना चाहिए, जिन्होंने बिना किसी देरी के अपने विकल्प दे दिए हैं। उन्होंने परिषद के उस प्रस्ताव पर सहमति जताई जिसमें भारत सरकार की सहायता से राज्यों द्वारा ऋण उधार लेने की बात कही गई है। जीएसटी की क्षतिपूर्ति जो कि 30 जून 2022 तक पांच साल की अवधि के लिए की जानी थी, अब केंद्र सरकार द्वारा उसके बाद भी कंपन्सेशन सैस लगाने के प्रस्ताव पर उपमुख्यमंत्री ने अपनी सहमति दी।
उल्लेखनीय है कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने जीएसटी के करीब 20,000 करोड़ रूपए के कंपन्सेशन फंड में से हरियाणा को गत 5 अक्तूबर 2020 को 761 करोड़ रूपए जारी कर दिए गए थे। बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उपमुख्यमंत्रियों, मंत्रियों व कई वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
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