सत्य खबर
देशभर में दीवाली बड़े ही धूमधाम से मनाई गई लेकिन इस दीवाली पर कई देश के कई राज्यों में प्रदूषण का स्तर बढ़ा। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए ही सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने पूरे देश में पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगाया था और अपने फरमान में कहा था कि जिस राज्य में हवा की गुणवत्ता सही है वहां पर सिर्फ 2 घंटे के लिए ग्रीन पटाखे फोड़े जा सकते हैं। परंतु दीवाली पर इन सभी आदेशों की अवहेलना करते हुए दिल्ली-एनसीआर सहित राजस्थान, बिहार, यूपी सहित उत्तर भारत के राज्यों में पटाखे फोड़े गए। आलम यह रहा कि लोगों को फिर से सांस लेने में दिक्कत महसूस होने लगी और सिर दर्द की शिकायत बढ़ गई।
राजधानी दिल्ली की हवा तो गंभीर स्थिति में पहुंच गई है। दीवाली की रात हुई आतिशबाजी ने दिल्ली की हवा की गुणवत्ता का और खराब कर दिया। दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 999 तक पहुंच गया। दीवाली की पूरी रात दिल्ली प्रदूषण की चादर में लिपटी रही। उधर, यूपी, राजस्थान, बिहार हरियाणा और पंजाब में भी बैन के बावूजद पटाखे फोड़े गए, जिसके चलते लोगों को विजिबलिटी का भी सामना करना पड़ा। तो आइये जानते हैं कि यूपी, बिहार, राजस्थान, पंजाब, हरियाण समेत देश की राजधानी दिल्ली की ताजा स्थिति क्या है।
यूपी में प्रदूषण की ताजा स्थिति
यूपी के 13 शहरों में पटाखों पर बैन लगाया था बावजूद इसके इन शहरों में दीवाली की रात पटाखे फोड़े गए। जिसका असर यह रहा कि राजधानी लखनऊ में 881 के पार एयर क्वालिटी इंडेक्स पहुंच गया ता हालांकि रविवार की सुबह यह यह स्तर 427 पर पहुंचा। वहीं कानपुर में तो सुबह सड़कों पर पटाखों के रैपर भी नजर आए।
उधर, कानपुर में भी दीवाली की रात पटाखे फोड़े गए। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB)के अनुसार, शहर के नेहरू नगर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 328 रहा।
वहीं वाराणसी में सुबह-सुबह पटाखे के रैपर सुबह सड़को पर नजर आए।राज्य सरकार ने एनसीआर, मुजफ्फरनगर, आगरा, वाराणसी, मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ, मुरादाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, बागपत, बुलंदशहर में पटाखों की बिक्री / उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था। बावजूद इसके इन शहरों में जमकर पटाखे फोड़े गए।
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उधर, मुरादाबाद में प्रदूषण बढ़ने की वजह से वायु गुणवत्ता बिगड़ती जा रही है। सुबह की सैर पर निकले एक व्यक्ति ने बताया,”दिवाली के बाद प्रदूषण और बढ़ गया है,सांस लेने में दिक्कत हो रही है। सड़कों पर पटाखों के अवशेष भी पड़े हुए हैं।”
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