सत्यखबर, दिल्ली
देश के तीन चौथाई हिस्से में तेज बारिश होने से नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। चालू मानसून की अपने अंतिम चरण में है। उत्तर-पश्चिम के राज्यों में ज्यादातर नदियां उफान पर हैं, जबकि पूर्वी राज्यों की नदियों में बाढ़ का यह दूसरा दौर होगा। देश के सवा सौ जलाशयों में से ज्यादातर पहले ही लबालब भर चुके हैं। जल की अधिकता होने से उनके गेट खोले जा सकते हैं, जो बाढ़ के रूप में तबाही ला सकते हैं। मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर नदियों के आसपास के निचले हिस्से के लोगों को सतर्कता बरतने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। हिमालयी राज्य जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश से लेकर मूसलाधार बरसात होने से नदियां उफान पर हैं। गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान की नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर हो चुका है।
इसके साथ ही हिमालयी राज्यों में लगातार तेज बारिश होने से छोटी बड़ी सभी नदियां अपने किनारे बाहर होकर बह रही हैं। जम्मू-कश्मीर में बुधवार से बारिश शुरू हो चुकी है जो 27 अगस्त जमकर बरसेगी। हिमाचल प्रदेश मे 28 अगस्त तक तेज गरज और चमक के साथ भारी बारिश होगी। उत्तराखंड में भारी से लेकर मूसलाधार बरसात पूरे एक सप्ताह तक हो सकती है। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में 26 से शुरू होकर 29 अगस्त की रात तक भारी बारिश होने का अनुमान है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश का सिलसिला पूरे सप्ताह चलेगा। पूर्वी राजस्थान में तेज बारिश से यहां की नदियों में जल का स्तर बढ़ने लगा है। छत्तीसगढ़ का रविशंकर डैम और बैंगो डैम पूरा भर चुका है। अब होने वाली बारिश का पानी बाढ़ के रूप में तबाही मचा सकता है।
उत्तर भारत की प्रमुख सभी नदियां उफान पर, चेतावनी जारी
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की जारी चेतावनी में 26 ऐसे स्थान चिन्हित किए गए हैं, जहां बाढ़ की स्थिति बहुत बिगड़ सकती है। इनमें बिहार और उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्से शामिल हैं। हालांकि बाढ़ की विभीषिका से झारखंड, असम, उड़ीसा, राजस्थान और पश्चिम बंगाल भी प्रभावित होंगे। देश के प्रमुख 33 बैराज और बांध भी उफन सकते हैं, जहां पानी ज्यादा हो जाने पर उनके गेट खोले जा सकते हैं। इससे संबंधित नदी के बेसिन में बसे क्षेत्रों को नुकसान की आशंका है। गंगा की सहायक नदियों में बाढ़ की स्थिति बन चुकी है। गंगा के मैदानी क्षेत्रों में भारी बारिश शुरू हो चुकी है, जो अगले कई दिनों तक होती रहेगी।
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झारखंड के रांची, सरायकेला, पश्चिम व पूर्वी सिंहभूम में बाढ़ के आसार बन रहे हैं, जिसकी निगरानी के लिए राज्य सरकार को चेतावनी भेज दी गई है। छत्तीसगढ़ के बांधों व बैराज से पानी छोड़ने से बाढ़ की हद में आने वाले बस्तर, सुकमा, धमतरी, कोरबा, दंतेवाड़ा और बीजापुर को सावधान कर दिया गया है। राजस्थान में बहने वाली चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसके किनारे के क्षेत्रों को सतर्क कर दिया गया है।
मध्य प्रदेश के मंदसौर में स्थित गांधीसागर डैम, राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के गंभीरी डैम व कालीसिंध डैम किसी भी समय उफन सकते हैं, जिससे इसके दायरे में आने वाले क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। मध्यप्रदेश लगातार बारिश से वहां की छोटी बड़ी नदियां किनारा छोड़कर बहने लगी हैं। इससे धार, इंदौर, झाबुआ, रतलाम के साथ गुजरात और राजस्थान के कई जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
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