सत्यखबर, चढ़ीगढ़
बता दे की मात्र तीन घंटे के छोटे सत्र में भी रजिस्ट्री घोटाले की गूंज बरकरार रही। रजिस्ट्री घोटाले को लेकर सदन में विपक्ष के दिग्गज नेताओं ने सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दी। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने विपक्षी नेताओं के आरोपों का सिलसिलेवार न सिर्फ जवाब दिया बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर तो जमीन घोटालों में चल रही सीबीआइ जांच को लेकर पलटवार भी किया।इसके साथ ही सदन के नेता के रूप में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन विधेयक, 2020 का प्रस्ताव रखा तो कांग्रेस और इनेलो सहित निर्दलीय विधायकों ने रजिस्ट्री घोटाले को केंद्रित करते हुए सरकार को घेरा। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला, कांग्रेस विधायक भारत भूषण बतरा, जजपा के बागी विधायक रामकुमार गौतम ने रजिस्ट्री घोटाले पर सरकार से जवाब मांगा। दुष्यंत चौटाला ने इन नेताओं के आरोपों पर कहा कि रजिस्ट्री कराना संवैधानिक अधिकार है। सरकार गलत रजिस्ट्रियां रोकने के लिए निगरानी के लिए सख्त कानून बना रही है।
कांग्रेस विधायक भारत भूषण बतरा ने सरकार को सदन में रखे गए विधेयक पांच दिन पहले विधायकों को तैयारी के लिए देने चाहिए थे। उन्होंने हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन विधेयक, 2020 के प्रस्ताव पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें खाली पड़ी एक एकड़ कृषि योग्य भूमि से कम की खरीद-फरोख्त के लिए नगर आयोजना विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने का प्रस्ताव कर रही है। यह खाली जमीन का अर्थ प्रस्ताव में स्पष्ट नहीं है। सरकार ने रजिस्ट्री घोटाले पर कोई जवाब नहीं दिया है,इसके विपरीत नए कानून बनाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले रजिस्ट्री घोटाला सामने आता है फिर उप मुख्यमंत्री पिछले तीन साल की रजिस्ट्रियों की जांच के आदेश देते हैं। ये आदेश सरकार चला रहे दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की तरह हैं।
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नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि विधानसभा की कार्य संचालन समिति में यह निर्णय लिया गया था कि कोरोना संकट के चलते सिर्फ जरूरी विधेयक ही सदन के सम्मुख रखे जाएंगे मगर सरकार उन विधेयकों को भी जल्दबाजी में पारित कराना चाहती है जिनकी समयावधि अभी एक माह भी पूरी नहीं हुई है। हुड्डा ने इस प्रस्ताव को स्थगित करने की मांग की। हुड्डा ने रजिस्ट्री घोटाले की सीबीआइ, मौजूदा न्यायाधीश से कराने की मांग की तो उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने पलटवार करते हुए कहा कि सीबीआइ जांच तो प्रदेश में कई जमीन घोटालों की चल रही है। दुष्यंत ने यह भी कहा कि हुड्डा की कलम तो दिल्ली से सोनिया गांधी के इशारे पर चलती थी। उप मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने सदन से इस दौरान वॉकआउट भी किया।इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि कोरोना काल में राज्य सरकार के नौ घोटाले जनता के सामने उजागर हुए हैं। सरकार ने एक पर भी सही जवाब देने की बजाए एक हाथ से घोटाले किए बल्कि दूसरे हाथ से घोटालों पर क्लीन चिट दी।
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जजपा विधायक रामकुमार गौतम ने तो यहां तक कहा कि रजिस्ट्रियां हर राज में इसी तरह होती रही हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि पहले रजिस्ट्री करने वाला पांच से दस हजार रुपये सुविधा शुल्क लेता था अब एक लाख मांगता है। गौतम यहीं नहीं रुके उन्होंने यह भी कहा कि एक लाख मांगने वाला अधिकारी यह कहते है कि यह राशि ऊपर तक पहुंचानी है। उन्होंने कहा कि गांवों और छोटे शहरों की कॉलोनियों में तो रजिस्ट्री पर प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए। गरीब का मकान नहीं टूटना चाहिए। विकास शुल्क लेकर सभी के मकान नियमित कर देने चाहिए।
गौतम के अनुसार जिला नगर आयोजना विभाग के अधिकारी तो सिर्फ पैसे खाने के लिए लोगों के बने हुए मकान तोडऩे पहुंचते हैं। निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने भी कहा कि रजिस्ट्री घोटाले तो पिछली सरकार में भी खूब हुए हैं। निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद ने कहा कि रजिस्ट्री घोटाले में अधिकारियों से पहले उन नेताओं को भी सजा मिले, जिनके संरक्षण में अवैध कॉलोनियां विकसित होती हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में दो से तीन लाख रुपये में रजिस्ट्री हुईं।
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