चंडीगढ़। कथित संत रामपाल ने अपनी पौत्री के विवाह में शामिल होने के लिए जमानत याचिका दायर की थी,जिसे पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। रोहतक पुलिस प्रमुख के जवाब के बाद हाई कोर्ट ने रामपाल को जमानत देने से इन्कार कर दिया। एसपी ने कोर्ट को बताया कि रामपाल के जमानत पर छूटने के बाद उसकी सरेंडर करने की संभावना नहीं है। एसपी ने कहा कि रामपाल का पिछला इतिहास देखा जाए तो उसे जमानत नहीं दी जा सकती है। उसे जमानत देने से कानून व्यवस्था के लिए संकट पैदा हो सकता है। बता दें, रामपाल ने 15 जुलाई को अपनी पौत्री के विवाह में शामिल होने के लिए हाई कोर्ट में दो याचिकाएं दायर कर जमानत व सजा पर निलंबन की मांग की थी। रामपाल ने हाई कोर्ट से आग्रह किया था कि उसे एक सप्ताह की जमानत दी जाए। इनमें से एक याचिका जस्टिस सत्यनारायण एवं जस्टिस अर्चना पूरी की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई थी। खंडपीठ ने कहा कि जब इसी मामले में रामपाल का बेटा वरिंदर जिसकी बेटी की शादी है उसे तीन सप्ताह की अंतरिम जमानत दी जा चुकी है तो अब उसी आधार पर रामपाल को कैसे जमानत दी जा सकती है। बेंच ने कहा कि पिछला इतिहास देखा जाए तो पता चलता है कि रामपाल को गिरफ्तार करने के लिए कितना बड़ा आपरेशन चलाना पड़ा था। ऐसे हालत में रामपाल को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता। वहीं,दूसरी याचिका पर जस्टिस एस मुरलीधर एवं जस्टिस अवनीश झिंगन की खंडपीठ नेे सुनवाई की। खंडपीठ ने कहा कि रोहतक जहां रामपाल की पौत्री का विवाह होना है वहां के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि वह व्यक्तिगत तौर पर हलफनामा दायर कर सुरक्षा बंदोबस्त का जायजा लें और पर्याप्त सुरक्षा की जाए। यह सुनिश्चित करें की विवाह में ज्यादा लोग शामिल न हों। कोविड-19 के चलते विवाह के लिए केंद्र सरकार ने जो निर्देश दिए हैं उसका पूरी तरह से पालन किया जा रहा है या नहीं, रामपाल के सरेंडर करने की संभावना उसकी पूरी जानकारी हाईकोर्ट में रिपोर्ट सौंप कर दी जाए। अब पुलिस रिपोर्ट मिलने के बाद हाई कोर्ट ने रामपाल को जमानत देने से इन्कार कर दिया है।
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