सत्यखबर सफीदों
सफीदों में जन्माष्टमी का त्यौहार इस बार फीका रहा। इस पर्व की रात्रि को ना तो बाजारों और ना ही मंदिरों में रौनक देखने को मिली। अधिकतर लोगों ने अपने घरों में रहकर ही यह त्यौहार परंपरागत तरीके से मनाया। इस पर्व को लेकर लोगों ने व्रत रखे और मंदिरों में भ्भीड़ ना करके अपने-अपने घरों में कान्हा का झूला झूलाया। वहीं कुछ लोग मंदिरों में दर्शनों के लिए दोपहर में ही चले गए थे। हरवर्ष जन्माष्टमी की रात्रि को बाजारों व मंदिरों में विशेष रौनक देखने को मिलती थी।
नगर के ऐतिहासिक नागक्षेत्र सरोवर, श्री विश्वकर्मा मंदिर, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, श्री साईं मंदिर हाट रोड़ व पुरानी अनाज मंडी स्थित श्री सतनारायण मंदिर में विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम व धार्मिक झांकियां प्रस्तुत की जाती थी लेकिन कोरोना संक्रमण और प्रशासनिक निर्देशों के चलते इस बार ऐसा नजारा नहीं देखने को मिला। मंदिरों में केवल रंगबिरंगी लाईटिंग जरूर की गई थी। मंदिरों में बहुत ही कम लोगों को दर्शनार्थ जाने दिया जा रहा था। वहीं छोटे-छोटे बच्चे कान्हा की ड्रेस में अद्भ्भूत नजर आ रहे थे। रात्रि में श्रद्धालुओं ने टेलीविजन पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि से लाईव कार्यक्रम देखकर चंद्रमा को अर्घ दिया व भगवान का प्रसाद ग्रहण करके अपना व्रत खोला।
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