सत्यखबर, चढ़ीगढ़
हरियाणा की सियासत में शराब घोटाले का मामला आने वाले समय में बड़ा गुल खिला सकता है। इसकी जांच के लिए वरिष्ठ आइएएस अफसर टीसी गुप्ता के नेतृत्व में बनाई गई एसईटी की रिपोर्ट पर बवाल मचना तय है। इस मामले में राज्य के गृहमंत्री अनिल विज और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला आमने-सामने आ गए हैं। मामले की जांच विजिलेंस से कराने पर भी अभी पेंच फंसा हुआ है।
हरियाणा की सियासत में शराब घोटाले का मामला गर्माया
सीनियर आइएएस अधिकारी टीसी गुप्ता के नेतृत्व वाली इस जांच रिपोर्ट को लेकर गृह मंत्री अनिल विज और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पहले एक दूसरे के विभागों को कठघऱे में खड़ा कर चुके हैं। विज ने प्रदेश भर में शराब घोटाला होने का दावा करते हुए विजिलेंस जांच की सिफारिश की है। दूदुष्यंत का कहना है कि एसईटी की रिपोर्ट दुर्भावना से प्रेरित है और शराब को लेकर हुई अनियमितताओं में किसी एक विभाग का दोष नहीं है।
दो दिग्गज मंत्रियों अनिल विज और दुष्यंत चौटाला के बीच तनातनी
अपनी सरकार के दो दिग्गज मंत्रियों अनिल विज और दुष्यंत चौटाला के बीच तनातनी के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल हालांकि चौंकाने वाला बयान दे चुके हैं, लेकिन अब उन्होंने टीसी गुप्ता की जांच रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए पूरी रिपोर्ट मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा को सौंप दी है।
बता दें कि दुष्यंत चौटाला के एसईटी की रिपोर्ट पर सवाल उठाने के बाद मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने तीन दिन पहले फरीदाबाद में कहा था कि किसी के मानने या न मानने से कुछ नहीं होता। यदि कुछ गलत हुआ होगा तो उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद दुष्यंत के सुर धीमे पड़ गए थे।
दुष्यंत के इस बयान के राजनीतिक मतलब हैं। उन्होंने संकेत में कह दिया कि यदि आबकारी विभाग की कोई गलती रही होगी तो पुलिस विभाग भी अपनी जिम्मेदारी से कैसे बच सकता है। एसईटी ने जितनी सिफारिशें अपनी रिपोर्ट में की हैं, उनमें से ज्यादातर सिफारिशें हरियाणा की आबकारी नीति में पहले से शामिल हैं। इसके विपरीत अनिल विज का कहना है कि यदि कहीं कोई खामी है तो उसी की जांच के लिए उन्होंने विजिलेंस इंक्वायरी की सिफारिश की है।
दरअसल, अनिल विज की सिफारिश को सरकार किसी सूरत में ठंडे बस्ते में नहीं डालना चाहती। यदि ऐसा हुआ तो विपक्ष खासकर हुड्डा और चौटाला हमलावर हो सकते हैं। लिहाजा प्रदेश सरकार द्वारा पूरे मामले की विजिलेंस जांच जरूर कराई जा सकती है, लेकिन विजिलेंस किस नतीजे पर पहुंचती है और वह कहां तक कार्रवाई करती है, यह देखने वाली बात हो सकती है। बता दें कि हुड्डा और चौटाला शराब घोटाले में सीबीआइ, हाईकोर्ट के सीटिंग जज और विधायकों की संयुक्त कमेटी में से किसी एक से जांच की मांग कर रहे हैं।
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