चंडीगढ़। हरियाणा में बुधवार से अनलॉक टू की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही प्रदेश सरकार ने दो सप्ताह बाद बसें चलाए जाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि 15 जुलाई से हरियाणा में दोबारा पहले की तरह बसें चलेंगी। हरियाणा राज्य परिवहन विभाग ने इस संबंध में पड़ोसी राज्यों के साथ तालमेल शुरू कर दिया है। सरकार का मानना है कि जब तक पड़ोसी राज्यों द्वारा बसों का संचालन नहीं किया जाएगा तब तक हरियाणा को बसें चलाने का कोई लाभ नहीं मिलेगा। हरियाणा में कोरोना व लॉकडाउन के चलते 24 मार्च से एक जून तक बस सर्विस पूरी तरह से बंद रही। एक जून से हरियाणा सरकार ने अंतर जिला व अंतरराज्जीय बस सेवा शुरू करने का प्रयास किया। इस बीच न तो दिल्ली सरकार ने हरियाणा की बसों को दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत दी और न ही पंजाब,हिमाचल, उत्तर प्रदेश उत्तराखंड व राजस्थान की सरकारों ने हरियाणा की बसों को आने दिया। कई राज्य तो ऐसे हैं जहां की सीमाओं से ही हरियाणा की बसों को वापस भेज दिया गया। हरियाणा में अंबाला, यमुनानगर,करनाल, पानीपत व सोनीपत उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड की सीमाओं से सटे हुए हैं। जिसके चलते उक्त स्टेशनों से हरियाणा रोडवेज की बसें रोजाना अंतरराज्जीय रूट पर चलती हैं। इसी तरह अंबाला, जींद, कैथल,सिरसा आदि जिले पंजाब के साथ तो सिरसा,फतेहाबाद,हिसार, रेवाड़ी,महेंद्रगढ़-नारनौल तथा रेवाड़ी आदि जिले राजस्थान के साथ सटे हुए हैं। उक्त पड़ोसी राज्यों के कई शहर तो ऐसे हैं जिनके लिए कई वर्षों से चंडीगढ़ से रोजाना बसों का संचालन हो रहा है और यह रूट लाभ में चल रहे हैं।हरियाणा में अनलॉक वन के दौरान जहां अंतर जिला बसों का संचालन किया गया वहीं अनलॉक टू के दौरान अंतरराज्जीय बसों का संचालन किया जाएगा। इसके लिए परिवहन विभाग ने पड़ोसी राज्यों के साथ तालमेल शुरू कर दिया है। पंजाब सरकार द्वारा पचास फीसदी यात्रियों की शर्त को हटा लिया गया है। उधर हिमाचल द्वारा भी छोटे रूट के तहत बद्दी से अंबाला छावनी तक एक बस भेजी जा रही है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि इस बार अंतरराज्जीय बसों का संचालन शुरू हो जाएगा।
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