सत्य खबर जींद।
हरियाणा में कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा नई सियासी चाल तैयारी में है। वह शेडो कैबिनेट बनाकर भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार व मुख्यमंत्री मनोहरलाल को चुनौती देने की तैयारी में है। इसमें फिलहाल पूरी कांग्रेस उनके साथ नजर आ रही है। वह सशक्त शेडाे मंत्रिमंडल गठन करने में जुटे हुए हैं। दरअसल भाजपा-जजपा सरकार की निगहबानी के लिए हुड्डा ने पूर्व सीएम भजनलाल की अपनाने की तैयारी में हैं। 20 साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की अगुवाई वाली इनेलो-भाजपा की गठबंधन सरकार पर नजर रखने के लिए उस समय विपक्ष के नेता भजन लाल ने शेडो मंत्रिमंडल बनाया था। हरियाणा में इस तरह का पहला कदम था। हालांकि,कांग्रेस की आपसी गुटबाजी के चलते उनका यह प्रयोग विफल रहा। इस बार भी गुटबाजी की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
विधायकों की रुचि के विभाग
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में इस बाबत विधायकों ने वरुण मुलाना के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। इतना ही नहीं कांग्रेस विधायक दल के नेता और राज्य में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शेडो मंत्रिमंडल बनाने के लिए विधायकों की विभागों से संबंधित रुचि के बारे में भी जानकारी कलमबद्ध करने की जिम्मेदारी पूर्व मंत्री आफताब अहमद को दे दी। कांग्रेस के इस समय 90 सदस्यीय विधानसभा में 30 विधायक हैं। मनोहर मंत्रिमंडल में फिलहाल मुख्यमंत्री सहित 12 मंत्री हैं। 90 सदस्यीय विधानसभा में तय मापदंड के अनुसार 14 मंत्री बनाए जा सकते हैं। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस अपने 30 विधायकों में से तय मापदंड के अनुसार ही शेडो मंत्रिमंडल बनाएगी या फिर सभी विधायकों को किसी न किसी विभाग पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
सरकारी कामकाज पर नजर रखेगा शेडाे मंत्रिमंडल
सत्तारूढ़ पार्टी की सरकार के समक्ष विपक्ष द्वारा शेडो मंत्रिमंडल बनाने मूल विचार असल में सरकारी कामकाज पर सूक्ष्मता से नजर रखने के लिए है। विकसित देशों में तो शेडो मंत्रिमंडल बनाकर सरकार के कामकाज की समालोचना करना आम बात है। भारत में भी कई राज्यों में सक्रिय विपक्षी नेताओं ने पहले ऐसे प्रयोग किए हैं,लेकिन वे अधिक सफल नहीं हुए। शेडो मंत्रिमंडल में शामिल विपक्षी विधायक अपने को सौंपे गए विभाग के मंत्री के हर फैसले का गहनता से अध्ययन करते हैं और विधानसभा में तर्क करते हैं।
हुड्डा किस विधायक को क्या जिम्मेदारी देंगे
शेडो मंत्रिमंडल में हुड्डा किस विधायक को क्या जिम्मेदारी देंगे, यह तो अभी ताे तय होना है, मगर कुछ वरिष्ठ विधायक ऐसे हैं जिनकी रुचि के विभागों पर कोई संशय नहीं है। पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल को शिक्षा, महिला कल्याण, गोहाना के विधायक जगबीर मलिक को कृषि और किसान कल्याण, रोहतक से विधायक भारतभूषण बतरा को शहरी स्थानीय निकाय, महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह को परिवहन,असंध के विधायक शमशेर सिंह गोगी
आसान नहीं विज और दुष्यंत का विकल्प देना
मनोहर मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला हैं और गृहमंत्री अनिल विज। इन दोनों के विकल्प के तौर पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए कांग्रेस विधायकों में से शेडो उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री बनाना आसान काम नहीं है। कांग्रेस विधायकों में कुलदीप बिश्नोई और किरण चौधरी दोनों ही बड़े नेता हैं। यदि शेडो मंत्रिमंडल का गठन होता है तो सवाल यह भी उठता है कि हुड्डा दोनों में से किसे उप मुख्यमंत्री और किसे गृहमंत्री बनाएंगे। इतना ही नहीं शेडाे मंत्रिमंडल बनाने के लिए भी संभवतया भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कुलदीप बिश्नोई, किरण चौधरी सहित प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा से भी मंत्रणा करनी होगी। राजनीतिक दृष्टिकोण से तो यह भी माना जाएगा कि शेडो मंत्रिमंडल में जो विधायक शामिल होंगे, उनका कद पार्टी में बढ़ जाएगा।
पहली बार भजनलाल ने बनाई थी शेडो कैबिनेट
हरियाणा पहली बार भजनलाल ने सन् 2000 में शेडो मंत्रिमंडल बनाई थी। उस समय ओमप्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री थे और भजनलाल नेता विपक्ष। खास बात यह थी कि तब पहली बार विधायक बने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी चौधरी भजनलाल ने शेडो मंत्रिमंडल में जगह दी थी। भजन लाल ने छाया मंत्रिमंडल में सामान्य प्रशासन, सीआइडी, विजिलेंस, कार्मिक एवं प्रशिक्षण, न्याय प्रशासन विभाग अपने पास रखे थे । ये विभाग सामान्यतया मुख्यमंत्री के पास ही रहते हैं। तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र हुड्डा को शेडो मंत्रिमंडल में नंबर तीन पर रखते हुए कृषि, विपणन एवं बागवानी विभाग दिए गए थे। हुड्डा से ऊपर नंबर दो पर वरिष्ठ नेता राव इंद्रजीत सिंह (अब गुरुग्राम से भाजपा सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री) को विकास एवं पंचायत, पर्यटन एवं खेल मंत्री बनाया गया था। मौजूदा सदन में सबसे वरिष्ठ सदस्य डॉ. रघुवीर सिंह कादियान को सहकारिता विभाग दिया गया था। इस बार चौथी दफा विधायक बने राव दान सिंह को उस समय शिक्षा विभाग दिया गया था। भजन लाल ने अपने पुत्र चंद्रमोहन बिश्नोई को लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) विभाग दिया था। दिलचस्प पहलू यह कि तत्कालीन चौटाला सरकार में केवल 11 मंत्री थे, लेकिन भजन लाल की शेडो कैबिनेट में सभी 21 कांग्रेसी विधायक सदस्य थे। बहरहाल समय ने पलटी खाई और अब सदन के अंदर और बाहर सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाने का दावा करने वाले हुड्डा ने शेडो मंत्रिमंडल की तैयारी कर ली है। हुड्डा शक्तिशाली शेडो कैबिनेट बना सकते हैं, बशर्ते कि पार्टी की आंतरिक गुटबाजी हावी न हो जाए।
बता दें कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस विधायक दल के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के चंडीगढ़ स्थित आवास पर साेमवार को हुई विधायकों की बैठक में राव दान सिंह ने कहा कि भाजपा के प्रत्येक हथकंडे का जवाब देना होगा। इस पर विधायक वरुण मुलाना ने शेडो कैबिनेट बनाने का सुझाव रखा। सभी विधायकों ने इस पर सहमति जताई। कांग्रेस विधायक दल के उप नेता आफताब अहमद और गीता भुक्कल ने बताया कि प्रत्येक कांग्रेस विधायक सरकारी विभागों के आधार पर मंत्रियों की खामियों को उजागर करेंगे। विधायक अमित सिहाग,नीरज शर्मा,जयवीर वाल्मीकि, शकुंतला खटक, शमशेर गोगी और राजेंद्र जून ने शेडो कैबिनेट बनाने के सुझाव की सराहना की।
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