सत्य खबर हरियाणा
देश और पंजाब- हरियाणा में जल्द ही व्यापक स्तर पर प्राइेवट ट्रेनें चलेंगी। इनमें कई खासियतें होंगी। भारतीय रेल ने 109 रूटों पर चलने वाली 150 प्राइवेट ट्रेनों का रूट तैयार कर देशभर के अधिकारियों से सुझाव मांगे हैं। रेल मंत्रालय ने लिखित आदेश और फिर वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से प्राइवेट ट्रेनों के संचालन, संरक्षा, वाशिेग और जिन रूटों पर दौड़ेंगी वहां पर पहले या उस समय कौन सी ट्रेन चल रही है, इसकी टाइमिंग को लेकर सुझाव मांगे हैं।
109 रूटों पर दौडऩी हैं 150 ट्रेनें
इन खास ट्रेनों के पटरी पर उतरने के बाद मौजूदा समय में चल रहे ट्रेनों के टाइम टेबल में बदलाव होगा। हरियाणा और पंजाब से भी 18 रूटों पर ये दौड़ेंगी। इनमें दैनिक और साप्ताहिक ट्रेन भी शामिल हैं। इस संबंध में अधिकारियों को 7 अगस्त तक अपने सुझाव रेल मंत्रालय को भेजने हैं।
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हरियाणा-पंजाब से 18 रूट पर दौड़ेंगी स्पेशल ट्रेनें
इन प्राइवेट ट्रेनों में नई दिल्ली से अमृतसर दो ट्रेन, नई दिल्ली से चंडीगढ़ तीन ट्रेन, लखनऊ से कटरा के लिए दो ट्रेन, अमृतसर से फरीदाबाद दो ट्रेन, वाराणसी से बठिंडा दो ट्रेन, नागपुर से चंडीगढ़ दो ट्रेन, भोपाल से मुंबई दो ट्रेन, भोपाल से पूना दो ट्रेन शामिल हैं। इसके अलावा नई दिल्ली से ऋषिकेश दो ट्रेन, इंदौर से दिल्ली दो ट्रेन, नई दिल्ली से वाराणसी दो ट्रेन, आनंद विहार से दरभंगा दो ट्रेन, आनंद विहार से बडग़ाम तक दो ट्रेन, लखनऊ से दिल्ली दो ट्रेन आदि शामिल हैं।
इन 150 ट्रेनों से देश के सभी प्रमुख स्टेशनों को जोड़ दिया गया है। इन ट्रेनों की स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा की होगी। इसलिए रेल अधिकारियों से पूछा गया है कि वह अपने सेक्शनों में टाइम जांच लें। हर सात हजार किलोमीटर पर इन ट्रेनों की संरक्षा को देखते हुए जांच की जाएगी। प्रत्येक ट्रेन में 16 डिब्बे या इससे अधिक होंगे ताकि यात्रियों को टिकट कंफर्म मिल सके।
मेक इन इंडिया के तहत बनाए जाएंगे ट्रेन के डिब्बे
रेलवे ने प्राइवेट ट्रेनों के लिए रूट प्रस्तावित कर दिए हैं। ट्रेनों को चलाने के लिए प्राइवेट कंपनियों को आमंत्रित किया जा चुका है। इन सभी ट्रेनों के डिब्बे मेक इन इंडिया की नीतियों के तहत ही बनाए जाएंगे। इन ट्रेनों को दौड़ाने की जिम्मेदारी रेलवे के चालक की होगी। इसके अलावा गार्ड भी रेलवे का ही होगा। ट्रेन संचालन की व्यवस्था,टिकट जांच और खानपान भी कंपनियों के जिम्मे होगा। रेलवे ने जिन रूटों पर यात्रियों की संख्या अधिक है और वेटिंग टिकट ही मिलता है वहां इन ट्रेनों को दौड़ाने का फैसला लिया है।
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