सत्य खबर हरियाणा
राज्य में 25 मार्च से लॉकडाउन लगा। 27 से शराब ठेके बंद करने के आदेश दिए,लेकिन शराब तस्करी की खबरें आई तो मामले की जांच के लिए एसईटी बनाई। रिपोर्ट में सामने आया कि पुलिस ने अवैध शराब पकड़ी, लेकिन गहन जांच नहीं की। डिस्टलरियों के नाम आने के बावजूद कभी उन्हें जांच में शामिल नहीं किया गया। एक्साइज विभाग की मॉनिटरिंग फेल बताई गई।
वहीं, विभाग को जुर्माना लगाने में बेपरवाह बताया गया है। सोनीपत के डीईटीसी नरेश कुमार ने एसईटी को बताया कि वहां शराब का गोदाम सील नहीं है। यह जानकारी झूठी दी गई,क्योंकि गोदाम सील था। डीईटीसी को प्रक्रिया के बारे में कुछ नहीं पता था। कागजों में यह भी नहीं था कि किसे सुपुर्दगारी की है। सोनीपत के पूर्व डीईटीसी एनआर फूले 8 जनवरी 2018 से 14 सितंबर, 2019 तक यहां तैनात थे। उन्होंने बताया कि सीएम फ्लाइंग स्क्वायड के साथ 7 लोडेड ट्रक पकड़े थे।
एक्साइज के पास शराब रखने की जगह नहीं थी। इसलिए शराब जहां पकड़ी गई, वहीं सील की गई। आरोपी को छोड़ने के बारे में बताया कि हरीश ने ली थी। रेडिंग टीम के हेड एईटीओ केसी कंबोज ने उन्हें बताया था कि हरीश 2017-18 में नवीन चौधरी के एक शराब गोदाम का मैनेजर था। एसईटी ने आरोपी पर पैनल्टी के बारे में पूछा तो जवाब नहीं दे सके। जबकि केसी कंबोज ने कहा कि हरीश के जमानतनामा पर आरोपी को छोड़ा गया। सील शराब की सिक्योरिटी की जिम्मेदारी हरीश ने ली थी। हरीश पूर्व एक्साइज इंस्पेक्टर धीरेंद्र का जानकार था। धीरेंद्र ने बताया कि हरीश व हरिओम दोनों भूपेंद्र के करीबी थे। भूपेंद्र एक फआईआर में नामजद था।
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पुलिस की यह रही लापरवाही
एसईटी ने 15 एफआईआर का विश्लेषण किया। पिछले साल 25 जून को मुलाना में दर्ज एफआईआर में पता लग रहा था कि ट्रक में अवैध शराब थी। परंतु डिस्टलरी पर कार्यवाही नहीं की गई। यह शराब एनवी डिस्टलरी अंबाला से निकली थी। इसी प्रकार 25 मई, 2019 को सदन थानेसर कुरुक्षेत्र में केस दर्ज हुआ। इस मामले में एक आरोपी ने बताया कि वह एनवी डिस्टलरी के डायरेक्टर का गनमैन है। अन्य कई एफआईआर में डिस्टलरी का नाम आया।
एक्साइज विभाग की लापरवाही
डिपार्टमेंट पेनल्टी लगाने और जो लगाई,लगाने और जो लगाई,उसे समय पर भुगतान कराने में पूरी फेल रहा है। एक अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2020 तक 8337 केस बनाए गए। जिनमें 8171 केसों पर 8 करोड़ 58 लाख, 31 हजार 600 रुपए की पैनल्टी लगाने का निर्णय हुआ। लेकिन एक जून, 2020 तक 7 करोड़, 21 लाख 242 रुपए रिकवरी किए। 1 करोड़ 37 लाख31 हजार 358 रुपए बकाया है। इडिस्टलरियों में कभी सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग नहीं की। अवैध शराब जब्त करने के बावजूद ज्यादातर जगह उसे डिस्ट्रॉय नहीं किया गया।
लॉकडाउन पीरियड पर रिपोर्ट
एसईटी की जांच में सामने आया है कि शराब ठेके बंद होने बावजूद शराब की मूवमेंट के लिए पास जारी किए गए। यह ईटीसी ने लिखित में दिया है। ठेके बंद थे, लेकिन प्रदेश के हर कोने में शराब बिक रही थी। तीन डिस्टलरियों में लॉकडाउन के दौरान भी शराब बनती रही।
इन डीईटीसी के लिए बयान
पानीपत डीईटीसी पुनीत शर्मा,अंबाला के डीईटीसी एनके ग्रेवाल, भिवानी डीईटीसी अनिल यादव, फतेहाबाद डीईटीसी वीके शास्त्री,हिसार डीईटीसी विजय कौशिक, पंचकूला डीईटीसी प्रदीप यादव के बयान भी लिए गए।
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