सत्यखबर, ,चढ़ीगढ़
25 अगस्त 2017, शुक्रवार का दिन, पंचकूला की सीबीआइ कोर्ट ने 15 साल पुराने दुष्कर्म के मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिया। सैकड़ों कार के काफिले के साथ अदालत पहुंचे राम रहीम को दोषी करार देते ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया और तीन बाद उसे दस-दस साल की सजा सुना दी गई। तभी से राम रहीम सलाखों के पीछे है।तीन साल में न जाने कितनी बार राम रहीम ने जेल से बाहर आने की कोशिश की। कभी मां की बीमारी तो कभी दत्तक पुत्री की शादी और कभी खेती करने की दलील, लेकिन कोई बहाना काम नहीं आया। तीन साल से वह जेल में ही बंद है। राम रहीम ने सबसे पहले अपनी एक दत्तक बेटी की शादी में जाने के लिए पैरोल की मांग को लेकर हाई कोर्ट से गुहार लगाई थी। जिरह के दौरान कोर्ट को बताया गया कि डेरा के नियमों के अनुसार कन्यादान की रस्म नहीं होती। कोर्ट में झूठ की पोल खुलते देखकर राम रहीम ने अपनी याचिका तुरंत वापस ले ली थी। उसके बाद खेती करने के लिए पैरोल देने की मांग की लेकिन यहां भी दाल नहीं गली।
उसके बाद राम रहीम ने अपनी पत्नी की तरफ से याचिका दायर कर पैरोल मांगी जिसमें गुरमीत सिंह की मां नसीब कौर की बीमारी का हवाला दिया गया। दलील दी गई कि मां की उम्र 85 साल है उसे हार्ट अटैक भी आया था, लेकिन वह अपना इलाज नहीं करवा रही है। कुछ दिन बाद उसकी एंजीयोग्राफी होनी है, लेकिन बेटा पास नहीं होने पर वह इलाज नही कराएगी। हाई कोर्ट ने यह तर्क भी खारिज कर दिया। इसके बाद एक शिष्य ने जेल में राम रहीम की जान को खतरा बताते हुए रिहाई की मांग कर डाली।डेरा प्रमुख कोरोना राहत फंड में चार करोड़ रुपये दान देना चाहता है, लेकिन उसके सभी खाते हाई कोर्ट के आदेश पर फ्रीज हैैं। गुरमीत सिंह ने हाई कोर्ट में अर्जी देकर आग्र्रह किया था कि उसके खाते से चार करोड़ रुपये का चेक भुगतान करने की इजाजत दी जाए। डेरा मुखी की इस मांग को हाई कोर्ट ने ठुकराते हुए याचिका पर सुनवाई से ही इन्कार कर दिया था। डेरामुखी सिरसा के ओबीसी बैंक के फ्रीज किए खाते से प्रधानमंत्री केयर फंड कोष में दो करोड़ रुपये और एक-एक करोड़ रुपये पंजाब सीएम रिलीफ फंड और हरियाणा कोविड रिलीफ फंड में देना चाहता है।
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