चंडीगढ़। हरियाणा में बरौदा विधानसभा सीट पर होनेवाले उपचुनाव के लिए सियासी हलचल तेज हो गई है। सभी राजनीतिक दलों ने इसकी तैयारी तेज कर दी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा खुद फील्ड में उतर जाने के बाद अब कांग्रेस भी चौकस हो गई है। बरौदा के रण में भाजपा-जजपा साझा उम्मीदवार उतारेंगे। गठबंधन को जातीय और राजनीतिक समीकरणों पर खरा उतरने वाले जिताऊ उम्मीदवार की तलाश है। इसके लिए भाजपा-जजपा गठबंधन ने बरौदा हलके में लोगों की राय जानने के लिए अंदरूनी सर्वे आरंभ कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस विधायक दल के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी आज अपने चंडीगढ़ स्थित निवास पर विधायक दल की बैठक बुलाई है। इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला पूरे माहौल का जायजा ले रहे हैं।
कांग्रेस की आज बैठक में बनेगी रणनीति
बरौदा विस सीट पर लगातार कांग्रेस का कब्जा रहा है। इससे पहले यह सीट इनेलो के कब्जे में भी रही। कांग्रेस विधायक दल के नेता के नाते भूपेंद्र सिंह हुड्डा चाहते हैं कि बरौदा सीट वापस कांग्रेस के खाते में लाई जाए। इसकी रणनीति बनाने के लिए हुड्डा ने आज शाम चंडीगढ के सेक्टर सात स्थित सरकारी निवास पर विधायकों की बैठक बुलाई है। 2019 के चुनाव में कांग्रेस के 31 विधायक चुनाव जीतकर आए हैं। अब इनकी संख्या 30 रह गई है। कांग्रेस इस संख्या को किसी सूरत में कम नहीं होने देना चाहती। इसके लिए कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी तैयारी शुरू कर दी है।
जीतने की रणनीति तैयार की जाएगी
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में बरौदा उपचुनाव जीतने की रणनीति तैयार की जाएगी। साथ ही कानून व्यवस्था की स्थिति,किसानों की पेमेंट और धान की रोपाई में बाध्यता समेत करीब आधा दर्जन मुद्दों पर सरकार को घेरने पर चर्चा होगी। उपचुनाव को लेकर राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा और हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कु. सैलजा अपने ढंग से जिम्मेदारी निभाने को तैयार हैं। यह चुनाव पूरी तरह से भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाकर लडऩे वाले हैं। इस लड़ाई में उन्हेंं कुमारी सैलजा, कुलदीप बिश्नोई, रणदीप सुरजेवाला, कैप्टन अजय यादव और किरण चौधरी के सहयोग की पूरी दरकार रहेगी।
गठबंधन ढूंढ रहा मजबूत प्रत्याशी
दूसरी तरफ भाजपा विधायक दल की बैठक में यह साफ संकेत दिए जा चुके कि भाजपा व जजपा मिलकर उपचुनाव लड़ेंगे। चुनाव को कराने में देरी भी नहीं की जाएगी। सरकार चाहे तो कोरोना महामारी को आधार बनाकर उपचुनाव छह माह तक लेट कर सकती है,मगर गठबंधन सरकार का ऐसा कोई इरादा नजर नहीं आ रहा है। चुनाव सितंबर के आखिर अथवा अक्टूबर के शुरू में होने का प्रस्ताव हैं। उम्मीदवार भाजपा के टिकट पर ही मैदान में उतारा जाएगा,लेकिन यह कौन होगा, इसे ढूंढने के लिए गठबंधन के नेता धरातल पर सर्वे में लगे हैं। इसकी रिपोर्ट इसी माह आने की संभावना है। तब तक मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अपनी टीम को फील्ड में काम करने के लिए उतार दिया है।
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