सत्य खबर चंडीगढ़
डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण में भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया लगभग खत्म हो गई है। इस प्रक्रिया में अब कोई विवाद न रहे,इसके लिए रेलवे के अधीनस्थ डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) एक बार फिर भूमि मालिकों को अपने शिकवे-शिकायत करने का मौका देगा। रेलवे का यही उपक्रम इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। इसी के चलते डीएफसीसीआईएल ने हरियाणा, पंजाब और वेस्टर्न यूपी के विभिन्न जिलों में शिकायत संबंधी आवेदन लेने और उनके निपटान के लिए विभिन्न अफसरों की ड्यूटी लगाई है।
इस संदर्भ में शिकवे-शिकायतें प्राप्त करने वालों में जिलों के डिप्टी कमिश्नर, एडिशनल डिप्टी कमिश्नर, डिस्ट्रिक्ट रेवेन्यू ऑफिसर, जिला परिषद चेयरमैन, प्रोजेक्ट के सीजीएम, डिप्टी सीजीएम, डीपीएम समेत विभिन्न समाजसेवी संगठनों के प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों की भी ड्यूटी लगाई गई है। बताते चलें कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत फ्रेट कॉरिडोर बिछाने के लिए किसानों व अन्य लोगों की हजारों एकड़ जमीनों को अधिग्रहित किया गया है।
इसके लिए विभिन्न जिलों के राजस्व अधिकारियों व उपक्रम के प्रतिनिधियों के माध्यम से उन्हें करोड़ों मुआवजा भी वितरित कर दिया गया है। मगर उसके बावजूद भूमि अधिग्रहण व मुआवजा से संबंधित कोई भी शिकायत या शिकवा शेष न रहे। इसलिए डीएफसीसीआईएल ने भूमि मालिकों को एक आखिरी मौका दिया है। यदि उन्हें किसी प्रकार की अधिग्रहण संबंधी कोई शिकायत रहती है, तो वे के लिए नियुक्त किए गए अधिकारियों व प्रतिनिधियों से संपर्क कर सकते हैं।
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अधिग्रहण के बाद शिकायतों से बन जाती हैं पेचिदगियां
भूमि अधिग्रहण प्रक्त्रिस्या के दौरान विभिन्न स्तर पर कई तरह की पेचिदगियां पैदा हो जाती है। भूमि मालिक प्रक्रिया खत्म होने के बाद कई तरह के दावे करते हैं और मामले अदालतों तक चले जाते हैं। इतना ही नहीं मुआवजा राशि प्राप्त करने में कमीशनखोरी, भूमि को लेकर पारिवारिक विवाद, धोखाधड़ी, कम मुआवजा मिलना इत्यादि भी कई तरह की शिकायतें भूमि मालिकों को रहती है।
इसलिए डीएफसीसीआईएल चाहता है कि इससे संबंधित परियोजना में किसी प्रकार की कोई दिक्कत न आए। इसलिए विभाग द्वारा यह एक्सरसाइज की जा रही है। डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश नवहाल ने बताया कि डीएफसीसीआईएल पंजाब के साहनेवाल से उत्तर प्रदेश में पिलखनी तक एक विशेष रेलवे परियोजना के तहत मालगाड़ियों के लिए फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण कर रहा है। परियोजना के लिए हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में अधिग्रहित भूमि का मुआवजा भूमि मालिकों को दिया जा चुका है।
फिर भी यदि किसी व्यक्ति को इस बारे में कोई शिकायत शेष हो तो वह अपनी शिकायत विभिन्न जिलों में गठित की गई जिला स्तरीय शिकायत निवारण समिति के समक्ष रख सकता है। राजेश नवहाल ने बताया कि प्रभावित व्यक्ति सीधे तौर पर अपनी शिकायत डीएफसीसीआईएल के मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय में भी पास पर दर्ज करवा सकते हैं।
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