सत्यखबर सफीदों
मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम इमाम-ए-हिंद हैं। यह बात हरियाणा सरकार में हज कमेटी के सदस्य अकबर खान राणा ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर भूमिपूजन को लेकर पत्रकारों को अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कही। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भूमिपूजन होना उन लोगों पर करारा तमाचा है जो राम मंदिर को हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा बनाते थे। राम मंदिर भारतीय संस्कृति एवं समस्त देशवासियों की भावनाओं का प्रतीक है। राम मंदिर हिंदू-मुस्लिम एकता एवं भाईचारे की एक मिसाल बनेगा।
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हम सभी को श्रीराम मंदिर भूमिपूजन को ईद की दोहरी खुशी के रूप में देखना चाहिए और यह पवित्र मौका कई सैंकड़ों वर्षों के उपरांत आया है। अपने आप को श्री लक्ष्मण की औलाद बताते हुए अकबर खान ने कहा कि श्रीराम हिंदुस्तान व भारतीय संस्कृति की पहचान हैं। राम के आदर्शों पर चलकर हमारे देश का भाईचारा व सांप्रदायिक सौहार्द हमेशा कायम है और रहेगा, हमें कोई नहीं बांट सकता है। श्रीराम का जीवन चरित्र हमें सच्चाई, न्याय, सभी की समानता, करुणा और भाईचारा सिखाता है।
उन्होंने कहा कि श्रीराम को धर्म व जाति के आधार पर नहीं बांटा जा सकता है। वे सभी के लिए अराध्य एवं अनुकरणीय है। इस्लाम के विद्वान या जानकार कुरान में 1 लाख 24 हजार नबी बताते हैं लेकिन सबके नामों का जिक्र कुरान में नहीं है। कुरान में कुछ ही नबियों के नामों का उल्लेख हैं। श्रीराम व श्रीकृष्ण जैसे अवतार भी हमारे नबियों में से हो सकते हैं। हमें उनका हर हाल में आदर और उनकी निशानियों की रक्षा करनी चाहिए। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि भी उन्ही निशानियों में से एक है। उन्होंने कहा कि इस भव्य मंदिर निर्माण के भूमिपूजन से हुए आगाज की केवल मुस्लिम समाज को ही नहीं बल्कि देश के सभी 130 करोड़ लोगों में भारी खुशी है।
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