सत्यखबर सफीदों
देश के मजदूर-किसान-कर्मचारी संगठनों के आह्वान पर रविवार सुबह रेलवे स्टेशन सफीदों के नजदीक सफीदों क्षेत्र के किसानों, मजदूरों व कर्मचारियों ने इकठ्ठा होकर सत्याग्रह आंदोलन में भाग लिया। आंदोलन की अध्यक्षता एस.के.एस. ब्लॉक प्रधान संजय शर्मा, सीटू के सत्यवीर सिंह, मिड-डे मील वर्कर नेता रानी व मजदूर नेता राधेश्याम ने की। आंदोलनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और नगर में प्रदर्शन किया। अपने संबोधन में कर्मचारी नेताओं ने कहा कि देश की मेहनतकश आवाम भारी संकट में हैं। उद्योगों में मजदूरों को फैक्ट्रियों से निकाला जा रहा है और उनके वेतन में कटौती की जा रही है।
गांव-शहर का दिहाड़ीदार या खेतिहर मजदूर हो, प्राईवेट क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी-मजदूर, मास्टर-साधारण वकील, आटो-टैक्सी, समान ढुलाई के टैम्पों चलाने वाले, रेहड़ी-पटरी लगाने वाले या छोटा व मध्यम किसान सब संकट में हैं लेकिन जनता को राहत देने की बजाय भाजपा पूंजीपतियों के लिए देश के संसाधनों, सार्वजनिक व सरकारी क्षेत्र को प्राईवेट हाथों में बेच रही है। रेल, कोयला, बिजली, बीमा, बैंक, सबकुछ देशी-विदेशी पूंजीपतियों के हवाले किया जा रहा है।
कर्मचारियों ने सरकार के समक्ष मांग रखी कि सरकारी स्वास्थ्य के ढ़ाचे को मजबूत किया जाए, स्वास्थ्य विभाग के तमाम अस्थाई कर्मी स्थाई हों, जरूरतमंद परिवारों को 6 महीनों तक प्रतिव्यक्ति 10 किलो अनाज फ्री मिले, श्रम कानूनों में संशोधन रद्द हो, वेतन कटौती बंद हो, निकाले गए श्रमिकों की रोजगार बहाली हो। सार्वजनिक क्षेत्र व सरकारी विभागों का निजीकरण बंद हो, जनविरोधी निजीकरण संबंधी बिजली बिल-2020 वापस हो। ठेकाप्रथा खत्म करके ठेकाकर्मियों को सरकार अपने पे-रोल पर ले। कर्मचारियों व पैंशनर्स के डी.ए., एल.टी.सी. व नौकरियों की भर्ती पर लगे प्रतिंबध वापस हों। हरियाणा में हटाए गए 1983 पी.टी.आई. समेत तमाम कच्चे कर्मचारियो को ड्यूटी पर लिया जाए और पुरानी पेंशन बहाल हो। मनरेगा में 200 दिन काम 600 रूपये दिहाड़ी हो।
सभी निर्माण मजदूरों का श्रमिक कल्याण बोर्ड में रजिस्ट्रेशन हो, श्रमिकों को सभी लाभ व सुविधाएं मिलें। आंगनवाड़ी-आशा-मिड डे मील-ग्रामीण सफाईकर्मियों, ग्रामीण चौकिदारों, वन मजदूरों, स्वास्थ्य सहित तमाम ठेकाकर्मियों आदि को 24000 रूपए न्यूनतम वेतन दो। स्थाई भर्ती हो व तमाम अस्थाई/ठेका कर्मचारियों को पक्का किया जाए। खेती बारे तीन अध्यादेश निरस्त हों। मजदूरों व गरीब किसानों के कर्जे माफ करो। इस मौके पर प्रमुख रूप से कपूर सिंह, सत्यवीर सिंह, संजय शर्मा, दिलबाग सिंह, सीताराम, कृष्ण मौरखी, वेदपाल रींडाल, ममता रानी, अंग्रेज सिंह, राजेश व बलराज मौजूद थे।
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