सत्य खबर चंडीगढ़
हरियाणा के राजनीतिक दलों के नेताओं को अब कोरोना से डर नहीं लगता। कोरोना के डर की वजह से सरकार के मंत्रियों और अफसरों ने अभी तक अपने दफ्तरों में नियमित रूप से बैठना तो शुरू नहीं किया, लेकिन नेता फील्ड में पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल से लेकर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, विपक्ष के पूर्व नेता अभय सिंह चौटाला, राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य कुलदीप बिश्नोई तक सभी फील्ड में लोगों के बीच पहुंच गए हैं।
बरोदा के बहाने फील्ड में सक्रिय हुए सभी दिग्गज
राजनीतिक दलों की बैठक में चर्चा के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियम की औपचारिकता जरूर निभाई जा रही है,लेकिन फील्ड में इस नियम की खुलकर अवहेलना हो रही है। सोनीपत जिले की बरोदा विधानसभा सीट पर अक्टूबर के पहले सप्ताह में उपचुनाव होना है। यहां से चुनाव जीते कांग्रेस विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा का देहावसान हो चुका है। अब इस सीट को जीतने के लिए सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पहले अनुमान लगाया जा जा रहा था कि महामारी को आधार बनाकर सरकार चुनाव में छह माह की देरी कर सकती है,लेकिन जिस तरह से नेता फील्ड में सक्रिय हो रहे,उसके मद्देनजर चुनाव समय पर ही होंगे।
फिजिकल डिस्टेंसिंग नियम का उल्लंघन हो रहा
हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला फील्ड में सबसे ज्यादा सक्रिय हैं। उन्होंने एक जुलाई से आठ जुलाई तक राज्य भर में दौरों का पहला चरण पूरा कर लिया। अभय के इन कार्यक्रमों में फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन देखने को नहीं मिला। यही स्थिति कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन रणदीप सिंह सुरजेवाला और राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यक्रमों में हो रहा है। लोग खासकर कार्यकर्ता एक दूसरे को छूने से परहेज नहीं कर रहे। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के कार्यक्रमों में भी यही हाल है। वह अपने आवास या दफ्तर में जब लोगों की समस्याएं सुनते हैं, वहां भी इसी तरह के हालात दिखाई देते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी बरोदा फतेह करने की तैयारी से फील्ड में उतर चुके हैं। उनके कार्यक्रमों में फिजिकल डिस्टेंसिंग का अनुपालन नहीं हो रहा। इसी तरह मुख्यमंत्री मनोहर लाल हाल ही में मेरा पानी मेरी विरासत योजना की जानकारी देने के लिए आठ ब्लाक का दौरा कर लौटे हैं। इसके बाद मनोहर लाल बरोदा का दौरा भी करके लौटे हैं। वहां भी कार्यकर्ताओं ने फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियम का अनुपालन नहीं किया, जिससे प्रदेश की जनता में अच्छा संदेश नहीं गया। हालांकि मुख्यमंत्री ने बार-बार लोगों से कहा कि वे फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाकर रखें।
विभाग कर रहा चुनाव के तरीका बदलने पर विचार
अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में होने वाले बरोदा विधानसभा सीट के उपचुनाव में कुछ नए प्रयोग देखने को मिल सकते हैं। इस बार जिस तरह से गेहूं की खरीद के लिए करीब दो हजार केंद्र बनाने पड़े थे,उसी तरह से पोलिंग बूथ की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है। इस पर राज्य निर्वाचन विभाग गंभीरता से विचार कर रहा है। साथ ही राजनीतिक दलों के नेताओं के लिए प्रचार के नियम तय किए जा सकते हैं। उनके लिए जनसभाओं की मंजूरी मुश्किल रहेगी, जबकि घर-घर जाकर प्रचार करते हुए उन्हेंं फिजिकल डिस्टेंसिंग के अनुपालन के निर्देश दिए जा सकते हैं।
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