सत्यखबर चंडीगढ़
लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव में सिमटे इंडियन नेशनल लोकदल ने अब अपना कुनबा बढ़ाने की ओर कदम बढ़ाया है। पिछले करीब एक माह से पार्टी में दूसरे दलों से नेताओं के आने का सिलसिला शुरू हुआ। इनेलो संगठन की नजरें अब एससी वर्ग को साथ लाने पर है, जिसके तहत बसपा का लगभग पूरा कैडर जहां पार्टी जॉइन कर चुका है, वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर से सिरसा में खुद इनेलो नेता अभय चौटाला से मुलाकात कर पार्टी जॉइन करने का ऑफर दे चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि एक दिन पहले ही चौटाला ने पंचकूला में पूर्व मंत्री राजकुमार वाल्मीकि से मुलाकात की और उन्हें पार्टी जॉइन करने को कहा है।
बताया गया है कि वाल्मीकि कांग्रेस से नाराज हैं और वे इनेलो जॉइन करने का लगभग मन बना चुके हैं। वाल्मीकि भजन लाल सरकार में प्रदेश के मंत्री रहे और इसके बाद 1998 व 2014 में अम्बाला लोकसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा। उन्होंने इस बार विधानसभा चुनाव में भी नीलोखेड़ी से तैयारी की हुई थी,लेकिन टिकट कट गई। ऐसे में वाल्मीकि अब इनेलो का रुख कर सकते हैं। इनेलो अब संगठन में जाट और एसी वर्ग का पूरा संतुलन बनाना चाहते हैं, जो कांग्रेस ने बनाया हुआ है।
सूत्रों का कहना है कि इनेलो नेता अभय चौटाला संगठन को मजबूत करने के लिए हर उस नेता से सीधे संपर्क साध रहें हैं जो अपनी पार्टी में किसी न किसी वजह से किनारे किए हुए हैं। इधर,चंडीगढ़ में कोठी नंबर-80 से इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला पार्टी को मजबूती देने के लिए रणनीति बना रहे हैं। अभय खुद भी यह कहते हैं-अभी तो पार्टी जॉइनिंग का सिलसिला शुरू हुआ है। कई पार्टियों के नेता उनके संपर्क में हैं। क्योंकि हर पार्टी के नेताओं से उनसे अच्छे रिश्ते हैं।
वाल्मीकि का कहना है कि अभय चौटाला से मुलाकात हुई है। अभी अपने समाज और वर्करों के साथ बातचीत करेंगे, इसके बाद फैसला लेंगे। इधर,अशोक तंवर ने भी वर्करों से मेल मिलाप बढ़ाया है। हालांकि वे अभी इनेलो जॉइनिंग की बात से मना कर रहें हैं,क्योंकि अभी चुनाव दूर हैं। वे खुद अपना अलग मंच तैयार करना चाहते हैं। इनेलो इसके बाद सदस्यता अभियान चलाएगा।
इनेलो का दावा-जजपा से आ रहे नेता
इनेलो का दावा है कि अब जजपा के कई नेता और वर्कर पार्टी में शामिल हो रहें हैं। क्योंकि जजपा ने वर्करों का विश्वास खो दिया है। अभय कहते हैं कि वर्करों का न तो वहां मान सम्मान है। न उनसे किए वादे पूरे किए जा रहे हैं। उनके काम भी नहीं हो रहे हैं। कई और नेता भी इनेलो में शामिल होंगे। जींद में तो इनकी हालत और खराब होने वाली है। इधर,इस मामले जजपा के राष्ट्रीय प्रधान सचिव केसी बांगड़ ने कहा कि इनेलो में जिन्हें जजपा का पदाधिकारी बताकर शामिल किया जा रहा है, वे आम आदमी हैं।
पार्टी की ब्लॉक स्तर पर 51 सदस्यीय कमेटी है, उनमें भी एक इनेलो में नहीं गया है। उनका कहना है कि कांग्रेस व इनेलो से ही जजपा में लोग शामिल हो रहे हैं। पिछले चुनाव में जनता ने बताया मजबूत कौन है। अब बरोदा उपचुनाव और साबित कर देगा। जजपा और भाजपा में गठबंधन होने के साथ एक और समझौता भी हो चुका है। जजपा किसी भी भाजपाई को अपनी पार्टी में शामिल नहीं करेगी तो भाजपा किसी जजपाई को सदस्य नहीं बनाएगी।
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