सत्य खबर चंडीगढ़।
हरियाणा सरकार द्वारा राज्य में शराब पर कोविड सेस लगाने का मामला विवाद में आ गया है। सरकार के इस फैसले को हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर चुनौती दी गई है। शुक्रवार को इस मामले में सरकार ने जवाब देने के लिए समय देने की मांग की। जिस पर हाई कोर्ट के जस्टिस राजीव शर्मा पर आधारित बेंच ने सरकार को जवाब देने के लिए मामले की सुनवाई 15 जुलाई तक स्थगित कर दी।
मामले में मैसर्स हरियाणा वाइंस ने अपनी याचिका में कहा कि सरकार द्वारा कोविड सेस (उपकर) लगाना अनुचित है। याचिकाकर्ता कंपनी ने हाई कोर्ट को बताया कि 2020-21 की एक्साइज पॉलिसी के तहत लगाई गई बोली के बाद उन्हेंं ठेके अलॉट हुए हैं। ठेके अलॉट किए जाते समय इस सेस का कोई जिक्र तक नहीं था, लेकिन सरकार ने छह मई को अपनी इस एक्साइज पालिसी में संशोधन कर कोविड सेस लगाए जाने का निर्णय कर लिया। याचिकाकर्ता कंपनी का आरोप है कि जब पालिसी के तहत उन्हेंं पहले ही ठेके अलॉट हो चुके हैं और उनका सरकार से समझौता हो चुका है तो बाद में सरकार सिर्फ अपने स्तर पर पालिसी में बदलाव कैसे कर सकती है।
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याचिकाकर्ता कंपनी का आरोप है कि वह पॉलिसी के तहत पहले ही अपनी लाइसेंस फीस जमा करवा चुके हैं,जिसमें सभी टैक्स पहले ही शामिल हैं। ऐसे में अब इस कोविड सेस का उन पर अलग से बोझ डाला जा रहा है, यह सेस लगाना ही था तो इसे फस्र्ट प्वाइंट ऑन सेल यानी होलसेलर पर लगाना चाहिए जबकि सरकार ने यह सेस रिटेलर्स पर लगा दिया है और इस सेस को लगाए जाने के बाद एमआरपी भी नहीं बढ़ाया गया है।
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