बड़ा हादसा घटित होने से बचा, सफीदों बना हादसों का शहर
पीडब्ल्यूडी ने आननफानन में मिट्टी डालकर की लीपापोती
सत्यखबर सफीदों
ऐतिहासिक नगरी सफीदों में हुए विकास कार्यों में भ्रष्टाचार व अनियमित्तओं के चर्चे हर गली व हर मौहल्ले में सरेआम चल रहे है और लोग इन भ्रष्टाचार व अनियमित्ताओं की निष्पक्ष जांच एजेंसी से जांच की मांग कई बार कर चुके हैं। अभी नगर के खानसर चौंक पर नवनिर्मित स्वागत द्वार को गिरे हुए जुमा-जुमा 3 दिन ही बीते थे कि बुधवार को नगर के महाराजा अग्रसैन चौंक पर धरती पर एकदम धंस गई और वहां पर एक बड़ा गड्ढा बन गया। इस बने गड्ढे में झांकने पर दूर तक बड़ी सुरगनुमा खाली स्थान दिखाई पड़ रहा था। हालांकि आननफानन में लीपापोती करने के लिए पीडब्ल्यूडी महकमे ने इस गड्ढे में थोड़ी सी मिट्टी जरूर डलवा दी है।
मिली जानकारी के अनुसार बुधवार दोपहर तक सबकुछ ठीकठाक चल रहा था कि अचानक दोपहर को अचानक महाराजा अग्रसैन चौंक पर धरती धंस गई और उसमें अनाज मंडी में अपना अनाज खाली करके लौट रहे एक किसान का टै्रक्टर फंस गया। किसान किसी तरह से अपना टै्रक्टर निकलवाकर वहां से चला गया। उसके बाद मौके पर आसपास के दुकानदार व राहगीर एकत्रित हो गए। लोगों ने इस बने गड्ढे के चारों ओर बैंच व लक्कड इत्यादि डाले ताकि कोई इसकी चपेट में ना आए। किसी ने इस मामले की सूचना प्रशासन को दी। प्रशासन ने मामले से पीडब्ल्यूडी महकमे को अवगत करवाया।
उसके बाद महकमे का अमला खानापूर्ति करने के लिए वहां पर पहुंचा और उस गड्ढे में कुछ मिट्टी डलवाकर भर दिया लेकिन विभाग ने यह नहीं सोचा कि इस गड्ढे में दूर-दूर तक दिखाई पड़ रहे सुरंगनुमा खाली स्थान धंस गया और उसमें कोई वाहन चालक या कोई नागरिक गिर गया तो उसका क्या होगा। विभाग ने इस स्थान पर कोई साईन बोर्ड इत्यादि भी नहीं लगाया। विभाग के द्वारा की गई लीपापोती से लोगों में भारी रोष देखने को मिला। लोगों का कहना था कि उनकी सफीदों में उनकी जानामाल को खतरा बना हुआ है तथा शासन-प्रशासन लोगों की जान के दुश्मन बने हुए है। इस गड्ढे को सिर्फ भ्भर दिया गया है, मगर इसकी दूर तक खुदाई करके इसमें मिट्टी भरवाने की आवश्यकता है। अगर इसमें कोई बड़ा हादसा हो गया तो उसका कौन जिम्मेवार होगा।
लोगों का कहना था कि सफीदों हादसों का शहर बन चुका है लेकिन शासन-प्रशासन को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। बता दें कि इस सडक़ का क्षेत्राधिकार लोक निर्माण विभाग की भवन एवं मार्ग शाखा के पास है जबकि इसके नीचे जन स्वास्थ्य विभाग ने शिवर लाइन बिछाई हुई है। तकनीकी जानकारों का कहना है कि निश्चित रूप से सीवर के लीक हो जाने की स्थिति में आसपास की मिट्टी बहने से इतना बड़ा गड्ढा सडक़ के नीचे की जमीन में हुआ है जिसके कारण की जांच किए बिना और सीवर की लीकेज बंद किए बिना इस समस्या का समाधान संभव नहीं है बल्कि इस तरह गड्ढे को ढक दिए जाने से तो समस्या और गंभीर होगी।
गौरतलब है कि अभी 3 दिन पूर्व ही नगर के ऐतिहासिक चौंक पर नगर पालिका द्वारा नवनिर्मित स्वागत द्वार धरती पर धड़ाम से आकर गिर गया था। गनीमत तो यह रही थी कि इस दौरान उस स्वागत द्वार के नीचे से कोई वाहन या कोई इंसान नहीं निकल रहा था अन्यथा कोई भी बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती थी। इस मामले में पीडब्ल्यूडी महकमें के जेई देवेंद्र का कहना है कि इस सडक़ के नीचे जनस्वास्थ्य विभाग की डेड पाईपलाईन पड़ी हुई है। इस पाईपलाईन में लीकेज के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है। फिलहाल मिट्टी डलवाकर गड्ढे को भर दिया गया है। सुबह इस स्थान को फिर से चेक करवाया जाएगा।
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