सत्यखबर पलवल
सिविल सर्जन पलवल डॉ ब्रह्मदीप बरसात के मौसम के दृष्टिगत डेंगू व चिकिनगुनिया को लेकर संबंधित अधिकारियों की एक बैठक लेकर डेंगू व चिकिनगुनिया की रोकथाम के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक रविवार को सभी कर्मचारी ने ड्राई डे के रूप मे मनाना है जिसमे अपने-अपने क्षेत्र मे सभी लोग कूलर, टंकियों को अच्छी तरह कपड़े से रगडक़र साफ कर ले।
उन्होंने कहा कि मलेरिया व डेंगू कि रोकथाम के लिए हमे मच्छरों को पनपने से रोकना है। प्राय: देखा जाता है कि घरो के आस पास या फिर रास्ते मे छोटे छोटे गड्डों मे भर जाता है या फिर घरो मे बिना ढके हुए पानी मे जैसे हौदी मे, कूलर मे, फ्रिज मे बर्फ के पानी की ट्रे मे पानी एकत्रित हो सकता है जिसके कारण मच्छर उस ठहरे हुए एकत्रित पानी मे अंडे देते है, जिससे मलेरिया व डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छरों की बढ़ोतरी तेजी से होती है। इसलिए उन्होंने तुरंत प्रभाव मलेरिया उन्मूलन की टीमो द्वारा ठहरे हुए पानी मे काला तेल व टेमिफोस की दवाई डलवाने के दिशा निर्देश दिये है जिससे मच्छरों कि उत्पत्ति पर रोक लग सके ।
इसके साथ साथ जिला पलवल मे सभी लोगो को प्रत्येक रविवार को ड्राई डे (शुष्क दिवस) के रूप मे मनाना चाहिये जिसमे सप्ताह मे एक बार घरो मे प्रयोग किये जा रहे कूलर के पानी को पूरी तरह से सुखाना चाहिये। कपडे से रगड़ कर साफ करना चाहिये, पानी की टंकी को, होदी को व पानी से भरे हुए सभी बर्तनों को भी सप्ताह मे एक बार सुखाना चाहिये। पानी को निकालकर कपडे से अच्छी तरह रगडक़र साफ करना चाहिये जिससे पानी मे पल रहा मच्छर का लार्वा समाप्त हो जाये। मच्छरों की बढोत्तरी पर रोक लग सके सभी लोगो को रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिये। दिन के समय पूरी बाजु के कपडे पहने चाहिये जिससे मच्छर के काटने से बचा जा सके।
आमजन को जागरूक करने के लिए सिविल सर्जन डॉ ब्रह्मदीप ने बताया कि मलेरिया के शुरूआती लक्षणों मे तेज ठण्ड के साथ बुखार आना, सर दर्द होना व उल्टी का आना है इसलिए कोई भी बुखार आने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र मे जाकर मलेरिया कि जांच करवाए और अगर मलेरिया जांच मे पाया जाता है तो उसका 14 दिन का इलाज स्वास्थ्यकर्मी की देख रेख मे करे।
(मलेरिया का उपचार व बचाव)
कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है इसलिए बुखार होने पर अपने नजदीक स्वास्थ्य केन्द्र में तुरन्त खून की जाँच कराए। मलेरिया होने पर तुरन्त पूर्ण आमूल उपचार लें क्योकि आमूल उपचार न लेने से मलेरिया बुखार बार-बार होता है। मलेरिया बुखार बार-बार होने से खून की कमी हो जाती है जोकि बहुत घातक होती है। घरो में मच्छरनाशक दवाई का छिडकाव करवाए। मच्छरदानी का प्रयोग करे। पूरी बाजू के कपडें पहने । घर के आस-पास पानी इकटठा न होने दे। बरसात का मौसम शुरु होने से पहले घर के आस-पास के गड्डो को भर दिया जाए बरसात का पानी इकटठा न होने पाए जिसमे मच्छर पनपते है।
(डेंगू व चिकिनगुनिया का उपचार व बचाव)
डेंगू व चिकिनगुनिया फ़ैलाने वाला मच्छर ऐडीज दिन में काटता है व रुके हुए साफ पानी में ही पनपता है।
डेंगू के लक्षण
अकस्मात तेज बुखार का होना। आचनक तेज सिर दर्द होना। मांसपेशियों तथा जोड़ो मे दर्द होना। आँखों के पीछे दर्द होना,जोकि आँखों को घुमाने से बढ़ता है।
चिकिनगुनिया के लक्षण
बुखार के साथ जोड़ो में दर्द व सूजन होना। कपकपी व ठण्ड के साथ बुखार का आचनक बढऩा। सिर दर्द होना।
क्या करे
घरो के आस पास गड्डो को मिटटी से भरवा दे। अपने कूलर, होदी या पानी से भरे हुए बर्तन सप्ताह में एक बार अवश्य खाली करे व कपडे से अच्छी तरह से रगड़ कर साफ करके प्रयोग करे। शरीर को ढक कर रखे और मच्छर रोधी दवा या क्रीम व कीटनाशक दवाई से उपचारित मच्छरदानी का उपयोग करे एवम पूरी बाजु के वस्त्र पहने। छतो पर रखी पानी की टंकियो को ढक्कन लगाकर बंद रखे। बुखार आने पर डाक्टर की सलाह अवश्य ले।
क्या न करे
स्वयं दवा न खाएं- एसप्रीन, ब्रुफिन दवाइयो का सेवन न करे। घरो के आस पास के गड्डों मे 7 दिन से ज्यादा पानी इकठ्ठा न होने दे। पुराना सामान जैसे टायर, ट्यूब, खाली डिब्बे ,पॉलिथीन के लिफाफे खुले मे न फेंके ताकि बरसात का पानी उ न्मे न भरे। यदि कूलर प्रयोग मे नही लाया जा रहा है तो उसमे पानी ईकट्ठा न होने दे। हैण्डपंप या नल के आस पास पानी जमा न होने दे। टायर ट्यूब, खाली डिब्बे खुले मे न छोड़े।
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