सत्य खबर रोहतक
कोविड-19 की वजह से प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय व महाविद्यालय बंद हैं। विद्यार्थियों की ऑनलाइन कक्षाएं तो ली जा रही हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की समस्या के चलते विद्यार्थी लाभ भी नहीं उठा पा रहे। इसके बावजूद महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय विद्यार्थियों से ट्यूशन फीस के अलावा अन्य सभी फंड पूर्व की भांति वसूल रहा है।
लिए जा रहे ट्यूशन फीस के अलावा अन्य शुल्क
इससे विद्यार्थियों पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तो वे विश्वविद्यालय की सुविधाओं से वंचित हैं, दूसरी तरह उनको फंड के रूप में फीस देनी पड़ रही है। छात्र संगठनों ने इसका विरोध करते हुए फीस माफ करने की मांग उठाई है। नैक से ए-प्लस ग्रेड महर्षि दयानंद विश्वविद्याल (एमडीयू) में पंचवर्षीय व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए आवेदन मांगे गए हैं। साथ ही पहले, तृतीय व अन्य सेमेस्टर/वर्ष के लिए भी दाखिला प्रक्रिया जारी है। विवि के शैक्षणिक विभागों के अलावा खेल परिसर, पुस्तकालय, एक्टीविटी सेंटर व अन्य सुविधाओं को फिलहाल खोला नहीं गया है।
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यूआइईटी के विद्यार्थियों ने वीसी को लिखा पत्र
एमडीयू के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (यूआइईटी) में 30 से 40 हजार के बीच सेमेस्टर फीस ली जा रही है। जिस पर विद्यार्थियों ने एतराज जताया है। यूआइईटी के विद्यार्थियों ने कुलपति प्रो. राजबीर सिंह को फीस कम कराने के लिए पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि कोविड-19 की वजह से विद्यार्थियों की आर्थिक हालत कमजोर हुई है। दूसरी ओर महामारी के कारण विवि बंद होने से वह किसी सुविधा का इस्तेमाल भी नहीं कर रहे हैं। ऐसे में विवि को मेंटेनेंस पर खर्च नहीं उठाना पड़ रहा। विवि प्रशासन से 70 फीसद तक फीस कम करने की मांग विद्यार्थियों ने की है। साथ ही फीस जमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाने की बात कही है।
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ऑनलाइन भरी जा रही फीस,नहीं मिल रही डिटेल
एमडीयू में ऑनलाइन फीस ली जा रही है। यूआइईटी के सातवें सेमेस्टर के विद्यार्थी अरशद ने बताया कि ऑनलाइन फीस डिपोजिट सिस्टम में खामी है। विद्यार्थियों को पता ही नहीं चलता कि ट्यूशन फीस के अलावा अन्य क्या फंड या चार्ज वसूले गए हैं। सातवें सेमेस्टर के लिए करीब 36 हजार फीस भरनी है। जो लगभग पिछले सेमेस्टर जितनी ही है। छठे सेमेस्टर में 27500 रुपये ट्यूशन फीस, 5500 रुपये डेवलपमेंट चार्ज व एक हजार रुपये परीक्षा शुल्क के साथ कुल 34 हजार रुपये फीस ली गई थी। इस बार विवि बंद होने के बावजूद इतनी फीस वसूला समझ के परे है। दूसरे विभागों में भी ट्यूशन के अलावा अन्य शुल्क विद्यार्थियों से लिए जा रहे हैं।
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